दो बहनों ने एक कमरे से शुरू किया काम, अब 3500 करोड़ का साम्राज्‍य, क्‍या है बिजनेस?

नई दिल्‍ली: केनाज और टीना मेसमान बहनें हैं। उनकी जोड़ी लोगों के लिए मिसाल बन गई है। उन्होंने मिलकर देश में अपना बेकरी बिजनेस खड़ा किया है। यह बिजनेस अब 3,500 करोड़ रुपये का हो गया है। उनका 'थिओब्रोमा' भारत के मशहूर बेकरी ब्रांडों में से एक है। य

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नई दिल्‍ली: केनाज और टीना मेसमान बहनें हैं। उनकी जोड़ी लोगों के लिए मिसाल बन गई है। उन्होंने मिलकर देश में अपना बेकरी बिजनेस खड़ा किया है। यह बिजनेस अब 3,500 करोड़ रुपये का हो गया है। उनका 'थिओब्रोमा' भारत के मशहूर बेकरी ब्रांडों में से एक है। यह दोनों बहनों की मेहनत और लगन का नतीजा है। 2004 में मुंबई के एक छोटे से कमरे से शुरू हुई यह बेकरी अब देशभर में 225 से ज्‍यादा आउटलेट्स के साथ मौजूद है। आइए, यहां केनाज और टीना की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

छोटे से कमरे से हुई थी शुरुआत

छोटे से कमरे से हुई थी शुरुआत

केनाज और टीना मायानगरी मुंबई से ताल्‍लुक रखती हैं। दोनों बहनों ने 2004 में मुंबई के एक छोटे से कमरे से बेकरी शुरू की थी। इसका नाम थिओब्रोमा है। यह देश के सबसे प्रसिद्ध बेकरी ब्रांडों में से एक है। थिओब्रोमा बेकरी अब देशभर में 225 से अधिक आउटलेट्स तक फैल गई है। केनाज और टीना मेसमैन ने बिना किसी बड़े बिजनेस प्लान के सिर्फ अपने पैशन के दम पर यह सफर तय किया।

ऐसे शुरू हुआ था सफर

ऐसे  शुरू हुआ था सफर

थिओब्रोमा का सफर 2004 में तब शुरू हुआ जब केनाज को पीठ में चोट के कारण अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी थी। वह एक पेस्ट्री शेफ के रूप में काम कर रही थीं। शुरुआती चुनौतियों के बावजूद थ‍िओब्रोमा देशभर में एक जाना-पहचाना नाम बन गई है। केनाज मेसमान और टीना मेसमान इस ब्रांड के पीछे की ताकत हैं। लंदन के 'ले कॉर्डन ब्ल्यू' से प्रशिक्षित केनाज ने बेकरी शुरू करने से पहले ओबेरॉय उदयविलास में काम किया। हालांकि, बहनों के पास बेकिंग का अच्छा अनुभव था। लेकिन, बेकरी शुरू करने के लिए पूंजी जुटाना एक बड़ी चुनौती थी। तब उनके पिता ने आगे आकर 1.5 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी लगाई। उनकी शुरुआत पूरी तरह से शून्य से नहीं थी, क्योंकि वे पहले से ही घर पर बेकिंग कर रही थीं। वे इसे अगले स्तर पर ले जाना चाहती थीं।

नाम का चुनाव द‍िलचस्‍प था

नाम का चुनाव द‍िलचस्‍प था

बहनों का पहला आउटलेट 2004 में दशहरा के दिन मुंबई के कोलाबा में खुला। बेकरी के लिए नाम चुनना भी दिलचस्प था। एक दोस्त ने उन्‍हें थिओब्रोमा नाम सुझाया। यह ग्रीक शब्दों थिओस (ईश्वर) और ब्रोमा (भोजन) से लिया गया है। इसका मतलब है 'देवताओं का भोजन'। उस समय भारत का बेकरी उद्योग अपने शुरुआती चरण में था। केनाज और टीना ने मुंबई के युवा वर्ग को यूरोपीय शैली के ब्राउनी और डेसर्ट पेश करके अपने लिए खास जगह बनाई। उन्होंने प्रीमियम सामग्री पर फोकस किया और लग्जरी बेक्ड गुड्स को आसानी से उपलब्ध कराया। क्‍वालिटी बनाए रखना महंगा था। इसके कारण उन्हें 2014 में पहली बार 5 करोड़ रुपये का कर्ज भी लेना पड़ा। इससे वे अपने सिंगल आउटलेट से आगे बढ़ सकीं।

अब 3500 करोड़ का वैल्‍यूएशन

अब 3500 करोड़ का वैल्‍यूएशन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थिओब्रोमा को जल्द ही 3,500 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर अधिग्रहित किया जा सकता है। अगर यह सौदा होता है तो यह भारत में संस्थापकों की ओर से सबसे बड़े कैश एग्जिट में से एक हो सकता है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि क्रिसकैपिटल थिओब्रोमा फूड्स और बेल्जियम वफल कंपनी का लगभग 3,200-3,500 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने के करीब है। यह कंपनी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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